धान खरीदी मुद्दे पर सदन गरमाया, विपक्षी सदस्य गर्भगृह पहुंचे हुए निलंबित
रायपुर। बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में आज धान खरीदी के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। काले पोशाक में आये विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाकर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग आसंदी से की। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हम चर्चा करने के लिए तैयार है। इस बीच नगरीय प्रशासन मंत्री द्वारा की गई टिप्पणी से विपक्षी दल बिफर गये और काफी देर तक इस बात पर सदन में हंगामा करते हुए गर्भगृह में जाकर स्वमेव निलंबित हो गए। निलंबन के बाद सदन से बाहर जाकर विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना देकर अपना विरोध जताया।
प्रश्रकाल के तुरंत बाद भाजपा नेता व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने धान खरीदी को लेकर मामला उठाते हुए कहा कि धान खरीदी बंद होने से पूरे प्रदेश के किसान आंदोलित हैं। किसानों ने आत्महत्या की अनुमति भी मांगी है। उन्होंने कहा कि जिनके बूते पर सरकार बनी हैं और उन्हें ही प्रताडि़त किया जा रहा है। श्री अग्रवाल के साथ-साथ नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, विपक्षी सदस्य ननकीराम कंवर, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा सहित अन्य सदस्यों ने भी स्थगन प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा कराने की मांग की। इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य भी बीच-बीच में खड़े होकर विपक्षी सदस्यों पर घडिय़ाली आंसू बहाने का आरोप लगाते रहे। संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि सरकार पूरे विषय पर चर्चा कराना चाहती है। इसी बीच नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने विपक्षी सदस्यों पर कथित टिप्पणी से मामला और गरमा गया। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अन्य विपक्षी सदस्यों ने इस टिप्पणी के लिए तुरंत मंत्री से माफी मांगने के लिए कहा। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने सफाई दी कि उन्होंने किसी सदस्य के खिलाफ टिप्पणी नहीं की है। मगर विपक्षी सदस्य शांत नहीं। इस दौरान सदन में शोर-शराबा और हंगामा चलते रहा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने दोनों पक्षों के सदस्यों को शांत रहने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्षी सदस्यों के व्यवहार पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि सरकार स्थगन प्रस्ताव स्वीकार कर चर्चा चाहती है, लेकिन विपक्ष चर्चा में भाग नहीं लेना चाहता। उन्होंने कहा कि अगर चर्चा में भाग लेंगे, तो विपक्ष की कलई खुल जाएगी। इसलिए वे हंगामा कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि दंतेवाड़ा से लेकर केशकाल और अन्य जगहों पर किसान आंदोलित है जबकि सरकार के जवाबदार मंत्री विपक्षी सदस्यों पर गलत टिप्पणी करते हैं। यह अपमानजनक है। उन्होंने कहा कि जब तक नगरीय निकाय मंत्री माफी नहीं मांगते, सदन की कार्रवाई नहीं चल सकती। शोर-शराबे और हंगामे के कारण सदन की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद पुन: कार्रवाई शुरू होते ही भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने कहा कि विपक्षी सदस्यों के खिलाफ टिप्पणी करने वाले मंत्री का हम सत्र भर के लिए बहिष्कार किया जाएगा। उनसे कोई सवाल नहीं किए जाएंगे। इसके बाद अजय चंद्राकर ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की शुरूआत करते हुए अपनी बातें रखते हुए धान खरीदी मुद्दे में अव्यवस्था को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। इस दौरान भी सत्ता और विपक्ष सदस्यों के बीच नोकझोंक होते रही। बाद में सभी विपक्षी सदस्य हंगामा करते हुए गर्भगृह में चले गए और सदन की कार्रवाई से निलंबित हो गए। निलंबन के बाद विपक्षी सदस्य विधानसभा परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष जाकर धरना-प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया। अंत में विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों का निलंबन वापस लेते हुए सदन की कार्यवाही 26 फरवरी सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।