क्या हैं लोगों में एलर्जी के कारण...जानें सबकुछ
कुछ लोगों को किसी खास गंध से एलर्जी होती है। एलर्जी शरीर की संवेदनशील प्रक्रिया है, जो किसी विशिष्ट पदार्थ के अवशोषण (absorption) से बाहरी लक्षणों के रूप में प्रदर्शित होती है। कई बार इसमें उल्टी होना, नजला, चक्कर आना, शरीर का नीला पड़ जाना आदि जैसी असामान्य क्रियाएं होने लगती हैं। कोई भी खाने की चीजें किसी भी व्यक्ति पर प्रतिक्रिया कर सकता है। यह उस व्यक्ति विशेष की शारीरिक संरचना पर निर्भर करता है कि उसके उत्तक किस पदार्थ से संवेदनशील हो उठते हैं। आमतौर पर यह माना जाता है कि अंडा, दूध, फल, अनाज, मछली आदि से अधिक एलर्जी होती है, लेकिन यह बात शत-प्रतिशत सही नहीं मानी जा सकती है। इसके अलावा एलर्जी के और भी कई स्रोत माने जाते हैं। फूलों के परागकण हवाओं में तैरते रहते हैं। इनके सम्पर्क में आकर कई बार लोगों को एलर्जी हो जाती है। अलग-अलग तरह की समस्याओं जैसे दमा, खांसी, लगातार छींकें आना और आंखों में लालपन से आप जूझ सकते हैं। इसके साथ-साथ एलर्जी होने पर कई लक्षण प्रकट होते हैं जैसे खुजली होना, शरीर पर दाने निकल आना आदि।
क्या है एलर्जी
स्किनोलॉजी स्किन एंड हेयर क्लिनिक, दिल्ली की डर्मटोलॉजिस्ट डॉ. निवेदिता दादू का कहना है कि वास्तव में, एलर्जी कोई रोग है ही नहीं। यह मात्र शारीरिक लक्षणों में परिवर्तन है, जिसे सही उपचार से दूर किया जा सकता है। सुगंधित पदार्थ, फूलों के पराग, धूलकण, पेट्रोल या केरोसिन तेल की गंध, फफूंदी, दर्द निवारक गोलियां इत्यादि इसी श्रेणी में आते हैं। इन सारे कारकों को एलर्जन (प्रतिजन) की संज्ञा दी गयी है, जो शरीर में प्रविष्ट होने पर एलर्जिक पदार्थों के उत्पादन को अभिप्रेरित (Motivate) करते हैं। उत्पादित एंटीबॉडी (Antibody)और पहले से शरीर में स्थित एंटीबॉडी में परस्पर एक प्रतिक्रिया होती है। इस प्रतिक्रिया के फलस्वरूप शरीर में कुछ हानिकारक रसायन उत्पादित होते हैं जो एलर्जी के लक्षण उत्पन्न करते हैं। एंटीबॉडी जो मुख्य रूप से एलर्जी कारक होते हैं, उसी प्रतिजन (Antigen) के अनुसार होते हैं, जो उन्हें उत्पन्न करता है। ये रक्त के गामा ग्लोबुलिन वाले अंश में मौजूद होते हैं। ये एंटीजेन और एंटीबॉडी जब परस्पर प्रतिक्रिया करते हैं, तो हिस्टामिन और सेरोटोनिन नामक रसायनिक पदार्थ मुक्त करते हैं, जो शरीर ताप अनियंत्रण, श्वास अनियंत्रण, त्वचा शोध जैसी परेशानियां उत्पन्न करते हैं।