महासमुंद। एक दिन पहले तेंदूकोना में ज्वेलर्स दुकान में हुई कथित चोरी के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। चोरी का अरोपी व्यापारी ही निकला। व्यापारी के निशानदेही पर पुलिस ने दुर्ग से कथित चोरी का माल बरामद कर लिया है। अब पुलिस व्यापारी के खिलाफ ही झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने का मामला दर्ज करने की तैयारी में है।
बागबाहरा एसडीओपी लितेश सिंह ने बताया कि तेंदूकोना मेन रोड पर जितेंद्र सोनी की ज्वेलरी दुकान है। उसने 28 फरवरी को दुकान में चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर अज्ञात के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज कर विवेचना की जा रही थी। शुरुआती पूछताछ में ही समझ में आ गया था कि मामला चोरी का नहीं है और दुकानदार झूठ बोल रहा है। आखिरकार उसने अपना अपराध कबूला और कथित रूप से चोरी हुए जेवरात दुर्ग के शंकर नगर से जितेंद्र के मौसी के घर से बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने अनुसार जितेंद्र कर्ज में डूबा हुआ था, इसलिए उसने खुद चोरी का प्लान बनाया, ताकि घर वाले उसकी मदद कर सके और वह कर्ज अदा कर सके। जब्त जेवरात में 82.630 ग्राम सोना कीमत 2.57 लाख और 14.396 किग्रा चांदी कीमत 3.98 लाख रुपए शामिल है।
न दुकान का ताला टूटा न ही तिजोरी खुली, फिर कैसे हुई चोरी-
ज्वेलर्स दुकान में चोरी की सूचना मिलते ही जब पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि दुकान का ताला टूटा नहीं था, बल्कि चाबी से खोला गया था। यही नहीं जितेंद्र जिस लॉकर से जेवरात चोरी होने की बात कर रहा था, वह काफी हाइटेक था और चार चाबियों से एक साथ उसे खोला जा सकता था। चोरी दिखाने के लिए तिजोरी के कुछ पाट्र्स को पेचकश से खोला गया था और लॉक वाले स्थान को डैमेज किया गया था। इन सब को देखकर पुलिस समझ गई थी कि जितेंद्र झूठ बोल रहा है। पुलिस ने आखिरकार जितेंद्र से कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया और चोरी की झूठी रिपोर्ट लिखाने की बात स्वीकार की।
जानिए, उस दिन क्या हुआ था-
पुलिस की पूछताछ में जितेंद्र ने बताया कि 27 फरवरी की रात उसने ही लॉकर से जेवरात एक बैग में भरकर दुकान बंद कर दिया। उसने चाबी दुकान में काम करने वाली लक्ष्मी नामक वर्कर के घर छोड़ दिया और उसे बताया कि वह अपनी वाइफ को लेने नागपुर जा रहा है। वह सुबह जाकर दुकान खोल ले। इसके बाद वह अपनी मौसी के घर दुर्ग पहुंचा। वहां वह अक्सर आता-जाता है और उक्त मकान में ऊपर के कमरे में रहता है। वहां उसने जेवरात से भरे बैग को रखा और मौसी के लड़के के साथ अपनी पत्नी को लेने नागपुर चला गया। लक्ष्मी सुबह जब दुकान पहुंची तो दुकान का शटर आधा खुला हुआ था और भीतर सामान बिखरा हुआ था। इसके बाद लक्ष्मी ने फोन पर जितेंद्र को चोरी की जानकारी दी और जितेंद्र ने नागपुर से ही फोन कर मामले के बारे में पुलिस को बताया। ]
इसलिए बनाई चोरी की झूठी कहानी-
जितेंद्र ने पूछताछ में बताया कि उसने दुकान खोलने के लिए अपने बचपन के दोस्त नरपत से 14 लाख रुपए उधार लिया है। वह हर महीने उसे 35 हजार रुपए किश्त देता है, लेकिन पिछले एक साल से वह रुपए अदा नहीं कर पा रहा है। चूंकि उधारी चुकाने के नाम पर वह घरवालों से पैसे मांगता तो घरवाले उसे नहीं देते। इसलिए उसने चोरी का प्लान बनाया, ताकि मार्केट की उधारी चुकाने के लिए उसके घर वाले उसे पैसे दे देते और वह जेवरात बेचकर नरपत को पैसे लौटा देता।