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शासकीय कला और वाणिज्य कन्या महाविद्यालय में तीन दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का समापन

शासकीय कला और वाणिज्य कन्या महाविद्यालय में तीन दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का समापन

रायपुर, शास. आर्ट्स एवं कामर्स महिला महाविद्यालय देवेंद्र नगर रायपुर में छत्तीसगढ़ इंड्रस्ट्रीयल एवं टेक्निकल कन्सल्टेंसी सेंटर (सिटकॉन) की ओर से आयोजित तीन दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का समापन आज दिनांक 21 जनवरी 2020 को हुआ । समापन से पहले महाविद्यालय के 75 प्रशिक्षनार्थियों को औद्योगिक भ्रमण में राँवभाठा स्थित केलेस्टि आइस्क्रीम इंड्रस्ट्री ले जाया गया था जिसमे छात्रायें छोटी से छोटी एवं बड़ी से बड़ी उद्योगों से संबंधित जानकारियाँ ले पाई औद्योगिक भ्रमण के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ एवं छात्रओं को सिटकॉन की ओर से प्रमाण पत्र वितरित किया गया. कार्यक्रम के समापन में महाविद्यालय से डॉक्टर प्रीति पाण्डेय, डॉक्टर नरेश पूरी, डॉक्टर कविता शर्मा. एवं सिटकॉन से कार्यक्रम समन्वयक शैलेन्द्र साहू उपस्थित थे । यह उद्यमिता जागरूकता शिविर प्राचार्य डॉक्टर ए के जायसवाल सर के मार्गदर्शन से सम्पूर्ण हुआ। इस पूरे तीन दिवसीय आयोजन में डॉक्टर ऊषाकिरण अग्रवाल एवं डॉक्टर रवि शर्मा का सक्रिय सहयोग रहा। विज्ञान की छात्राओं ने बताया की इस प्रकार के आयोजन से उद्योगों की ओर भी कार्य करने की प्रेरणा मिलती है और प्रतियोगिता के इस युग में यह जानकारी अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। 

अग्रसेन महाविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग द्वारा  हुआ सेमिनार का आयोजन्

अग्रसेन महाविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग द्वारा हुआ सेमिनार का आयोजन्

“बड़ी सप्लाई चेन और आनलाइन शापिंग से बदल रही उपभोक्ताओं की प्रवृत्तियां”
रायपुर. अग्रसेन महाविद्यालय में वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग द्वारा 18 जनवरी को “व्यवसाय की नवीन प्रवृत्तियों का उपभोक्ता व्यवहार में परिवर्तन”- विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें विषय- विशेषग्य के रूप में प्रो. आर के ब्रह्मे, वरिष्ठ समाजसेवी उमेश अग्रवाल तथा चार्टर्ड एकाउंटेन्ट अरविन्द अग्रवाल ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये. सभी अमंरित वक्ताओं का कहना था कि व्यवसाय में नवीन प्रवृत्तियों और नए मानकों को अपनाए बिना सफलता अधूरी रहेगी.
वर्तमान समय में बदलते उपभोक्ता व्यवहार की चर्चा करते हुए पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में अर्थशास्त्र संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. आर. के. ब्रह्मे ने कहा कि आज बहुराष्ट्रीय कंपनियों का व्यापक सप्लाई चेन और मोबाइल फोन के जरिये आनलाइन बुकिंग भी उपभोक्ता की प्रवृत्तियों और व्यव्हार को प्रभावित तथा नियंत्रित कर रहे है. उन्होंने कहा कि आज के समय में कृषि उत्पादों कि खरीदी कम हो रही है, और सेवा क्षेत्र का उयोग अधिक हो रहा है. यह उपभोक्ता व्यवहार में बड़ा बदलाव है.


वरिष्ठ समाजसेवी उमेश अग्रवाल ने कहा कि पुराने समय में वस्तु विनिमय प्रणाली प्रचलित थी. तब कारोबार का आकार छोटा था. इसलिए लोग घरों से ही व्यवसाय किया करते थे. लेकिन तब भी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाता था. चार्टर्ड एकाउंटेन्ट अरविन्द अग्रवाल ने कहा कि कोई भी सामान सीधे दुकान से खरीदने के बदले नई पीढ़ी के लोग आनलाईन खरीदी पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं. इसमें उनका समय बच रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि आज समय की मांग के अनुसार बीमा, बैंकिंग, और सेवा क्षेत्रों में भी उपभोक्ताओं के नए व्यवहार देखे जा रहे हैं.
कार्यक्रम में डायरेक्टर डॉ. वी.के. अग्रवाल ने कहा कि आज की पूरी अर्थ व्यवस्था उपभोक्ता ककेन्द्रित हो गई है. साथ ही टेक्नालाजी के कारण नवीन प्रवृत्तियां सामने आ रही हैं.
एडमिनिस्ट्रेटर प्रो. अमित अग्रवाल ने इस सेमीनार में आमंत्रित वक्ताओं के विचारों को नए उद्यमियों और वाणिज्य के विद्यार्थियों के ल्लिये बेहद उपयोगी बताया. उन्होंने कहा कि युवाओं को उपभोक्ताओं के नयी प्रवृत्तियों के प्रति जागरूक होने की जरुरत है. अंत में प्रबंध संकाय की विभागाध्यक्ष डा शोभा अग्रवाल के संगोष्ठी का सारांश प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य संकाय के प्राध्यापक प्रो. अभिनव अग्रवाल ने किया. इस आयोजन में वाणिज्य और प्रबंध संकाय के समस्त विद्यार्थी पूरी सक्रियता से शामिल हुए.
 

देवेन्द्र नगर शासकीय कला और वाणिज्य महाविद्यालय में अभिपोषण योजना के तहत बाटे गए हेल्थ पैकेट

देवेन्द्र नगर शासकीय कला और वाणिज्य महाविद्यालय में अभिपोषण योजना के तहत बाटे गए हेल्थ पैकेट

रायपुर,अभिपोषण योजना के तहत आज छात्राओं को Nutra Health के packets वितरित किये गये लगभग 80 छात्राओं ने इसका लाभ लिया।यह योजना महाविद्यालय में छात्राओं के बीच काफ़ी प्रशंसित/ बहुचर्चित है। इस योजना को प्रारम्भ करने का श्रेय मनोविज्ञान विभाग की विभाग प्रमुख डॉक्टर उषा किरण अग्रवाल मैडम को जाता है उनकी अनुभवी सोच ने इस योजना को प्रारम्भ किया। इस योजना की समन्वयक प्राणी शास्त्र विभाग प्रमुख डॉक्टर शीला दूबे हैं एवं सदस्य के रूप में डॉक्टर प्रीति पांडेय, डॉक्टर मीना पाठक, डॉक्टर कविता शर्मा एवं श्रीमती रंजना पूजा यादव अपना सहयोग प्रदान करते हैं। सभी कार्यक्रम प्राचार्य डॉक्टर ए के जायसवाल सर के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। 

तीन दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय देवेंद्र नगर में आज से प्रारम्भ

तीन दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय देवेंद्र नगर में आज से प्रारम्भ

रायपुर,आज शिविर के प्रथम दिवस में छतीसगढ़ इंड्रस्टीयल एन्ड टेक्निकल कंसल्टेंसी सेंटर सिटकॉन की ओर से आयोजित उद्यमिता शिविर में सिटकॉन की ओर से प्रो. अनिल श्री राम कालेले का सम्प्रेषण कला पर व्याख्यान हुआ

कल दिनाँक 20 जनवरी को सिटकॉन से सिविल इंजीनियर योगेश शर्मा का सफलता उद्यमी पर व्याख्यान होगा कार्यक्रम के अंतिम दिवस में औद्योगिक भ्रमण छात्रों को कराया जाएगा एवं सिटकॉन की छात्र छत्राओं को प्रमाण पत्र दिया जाएगा । यह कार्यक्रम प्राचार्य प्रो. ए के जयसवाल सर तथा प्रो. डॉ उषा किरण अग्रवाल मैडम के निर्देशन में आयोजित हुआ। कार्यक्रम के प्रेरणा श्रोत डॉक्टर रवि शर्मा सर थे . कार्यक्रम में आज महाविद्यालय से प्रो. कविता शर्मा , सिटकॉन से कार्यक्रम समन्वयक शैलेन्द्र साहू उपस्थित थे। बहुत ही रोचक अन्दाज़ में डॉक्टर कालेले ने अपना वक्तव्य दिया । छात्राओं ने ज्ञानवर्धक जानकारी रुचि पूर्वक हासिल की। बीच बीच में छात्राओं से प्रश्न पूछे जाने पर छात्रायें रोमांचित होती रहीं । इस कार्यक्रम में लगभग 75 छात्रायें लाभान्वित हो रही हैं 

अग्रसेन महाविद्यालय में “बाल अधिकार और बाल हिंसा” विषय पर विचार-गोष्ठी, जाने पूरी खबर

अग्रसेन महाविद्यालय में “बाल अधिकार और बाल हिंसा” विषय पर विचार-गोष्ठी, जाने पूरी खबर

“उचित मार्गदर्शन से ही रुकेंगे बाल-अपराध और हिंसा”

रायपुर | अग्रसेन महाविद्यालय, पुरानी बस्ती में आज “बाल अधिकार और बाल हिंसा” विषय पर विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया. महाविद्यालय के समाज-कार्य विभाग द्वारा आयोजित इस गोष्ठी में महिला हेल्प लाइन (181) कि केंद्र प्रबंधक श्रीमती मनीषा दत्ता तिवारी ने बाल अधिकार के विषय में अहम जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अठारह वर्ष से कम आयु के लड़के या लड़की को कानून की भाषा में वयस्क नहीं माना जाता. इसलिए ऐसे लड़के और लड़कियां “बाल अधिकार” के दायरे में आते हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा अपराध होने पर उनके साथ वयस्क अपराधी की तरह व्यवहार नहीं किया जा सकता. यह कानून के विरूद्ध है. उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी देश में बाल-अधिकार और बाल-हिंसा के विषय पर लोगों में जागरूकता की कमी देखने को मिलती है. इस स्थिति को बदलना बेहद जरुरी है.

डा राधाबाई कन्या महाविद्यालय रायपुर कि प्राध्यापक डा प्रीता लाल ने कहा कि सन 1860 में बाल अपराध के निषेध के लिए कानून बनाया गया था. उन्होंने कहा कि बाल अपराध के कई कारण हो सकते हैं. इसमें परिवार का वातावरण, संगति, इच्छाओं की पूर्ति में कमी, गरीबी, भुखमरी जैसे कारण प्रमुख हैं. वहीँ,धनाड्य वर्ग के बच्चों में भी उचित निगरानी और मार्गदर्शन के अभाव में अपराध की घटनाएं देखने को मिलती हैं.

इस अवसर पर महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. वी.के. अग्रवाल ने कहा कि बाल अपराध को रोकने में परिवार के संस्कार सबसे प्रमुख कारक हो सकते हैं. साथ ही समय-समय पर बच्चों से संवाद भी जरुरी है. प्राचार्य डॉ. युलेंद्र कुमार राजपूत ने कहा कि बाल अपराध को रोकने की दिशा में समय रहते ध्यान देना आवश्यक है, वरना यही बच्चे बड़े होकर गंभीर अपराध में लिप्त हो सकते हैं. महाविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर प्रो. अमित अग्रवाल ने भी इस आयोजन को उद्देश्यपूर्ण बताया. कार्यक्रम में अंत में समाज कार्य विभाग की समन्वयक प्रो. कविता अग्रवाल ने सभी वक्ताओं के विचारों के सारांश प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापक प्रो. दीपिका अवधिया ने किया. इसमें महाविद्यालय के विभिन्न संकायों के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने पूरी सक्रियता से अपनी भागीदारी सुनिश्चित की.

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय में हुई भूतपूर्व छात्राओं की बैठक

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय में हुई भूतपूर्व छात्राओं की बैठक

रायपुर | शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में आज दिनांक 6 जनवरी को महाविद्यालय की भूतपूर्व छात्राओं की एक बैठक रखी गई। जिसमें महाविद्यालय कि चारों संकाय कि लगभग सौ छात्राओं ने हिस्सा लिया। यह बैठक महाविद्यालय की आइक्यूएसी संयोजक डॉ कविता शर्मा के द्वारा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एके जायसवाल के निर्देशन में बुलाई गई। इस कार्यक्रम की प्रेरणा स्रोत मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष उषा किरण अग्रवाल थी। इस कार्यक्रम में समिति का गठन पंजीयन संबंधी चर्चा की गई। व्हाट सप तथा फेसबुक के द्वारा सभी छात्राओं को एक मंच पर लाने की बात की गई। चारों संकाय से भूतपूर्व छात्राओं की समिति में पद आवंटित किए गए।

अध्यक्ष मनोविज्ञान से डॉ किरण छाव छा रिया उपाध्यक्ष गृह विज्ञान से डॉ ज्योति भट्ट, रुबिया अंजुम सचिव  वाणिज्य से लवीना छबलानी, विभाषा कर मिश्रा, सह सचिव डॉ सीमा साहू कोषाध्यक्ष डॉ अंबा सेठी, प्रचार-प्रसार गौरी हालदार कोष विस्तार समिति आदित्य प्रताप सिंह, डॉक्टर अल्पना देशपांडे,, आसमा वर्मा तथा विशेष मार्गदर्शक के रूप में मनोविज्ञान से डॉक्टर वर्षा वर वंडकर तकनीकी विशेषज्ञ में शकुंतला दुल्हानी का नाम चयनित किया गया। छात्राओं ने कॉलेज के अपने अनुभव साझा किए अपने सुझाव प्रस्तुत किए। गौरी हालदार ने मधुर गीत तथा प्रज्ञा श्रीवास्तव ने नृत्य प्रस्तुत किया।इस बैठक में इस समिति की संयोजक डॉ लक्ष्मी देवनानी सहित अनेक वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ संध्या वर्मा डॉ मीना पाठक डॉ रंजना तिवारी , डॉ शीला दुबे ,माधुरी श्रीवास्तव डॉ सुषमा तिवारी ,अंजना पुरोहित ,डॉ प्रभा वर्मा डॉ कल्पना झा ,आशा दुबे उपस्थित रहे।

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर  द्वारा तीन दिवसीय कजरी कत्थक कार्यशाला का आयोजन सम्पन्न

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर द्वारा तीन दिवसीय कजरी कत्थक कार्यशाला का आयोजन सम्पन्न

कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा तीन दिवसीय कजरी कत्थक कार्यशाला का आयोजन 28 से 30 दिसम्बर तक किया गया। इस कार्यशाला में प्रसिद्ध नृत्य निर्देशिका एवं कत्थक नृत्यांगना डॉक्टर सरिता श्रीवास्तव ने 21 छात्राओं को कत्थक का प्रशिक्षण दिया। डॉक्टर सरिता श्रीवास्तव रायगढ़ घराने की नृत्यांगना है इन्होंने विशाखापट्टनम तथा मैसूर में अपनी प्रस्तुति दी है उन्होंने अनेक नृत्य स्पर्धा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है वर्तमान में यह व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी कार्यशाला में कत्थक की अनेक बारीकियां सिखाई 16 थाप पर प्रणाम से लेकर कथक की अनेक मुद्राओं को सिखाया । इस कार्यशाला में इन्होंने अनेक ताल ,मुद्राएं, तत्कर, हस्तक, कवित्त, के बारे में जानकारी दी और अभ्यास कराया। साथ ही साथ इन्होंने असंयुक्त हस्त मुद्राएं, संयुक्त हस्त मुद्राएं पताका, त्री पताका, अर्ध पताका , कर्तरी मुख, मयूरी, अर्धचंद्र, शुक तुंड, की जानकारी दी। इन्होंने एक नृत्य जिसके बोल मोहे छोड़ छोड़ माधव माधव माधव पर छात्राओं को सुंदर नृत्य सिखाया।इनके निर्देशन में छात्राओं ने केदारनाथ सॉन्ग पर भी अत्यंत सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम की संयोजक महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ एक जायसवाल थे।यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में डॉ मनीषा गर्ग,डॉआशा दुबे के द्वारा संचालित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से कार्यक्रम की प्रेरणा स्रोत मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ उषा किरण अग्रवाल, डॉ संध्या वर्मा, डॉ शीला दुबे ,डॉ मीना पाठक,डॉ प्रीति पांडे, डॉ कल्पना झा डॉ कविता शर्मा डॉ सुषमा तिवारी, डॉ सिरिल डेनियल, डॉ आर डी शर्मा, डॉ रवि शर्मा, डॉ अंजना पुरोहित उपस्थित थे 

बस्तर की ये पहली आदिवासी महिला जिन्होंने एक नहीं बल्कि पुरे आठ विषयों पर की है पीएचडी,पढ़े पूरी खबर

बस्तर की ये पहली आदिवासी महिला जिन्होंने एक नहीं बल्कि पुरे आठ विषयों पर की है पीएचडी,पढ़े पूरी खबर

जगदलपुर, बस्तर के धुर नक्सल प्रभावी दंतेवाड़ा जिले के वनग्राम कारली निवासी पहली आदिवासी महिला है डॉ. जयमति कश्यप, जिन्होंने 8 विषयों पर डाक्टरेट की उपाधि हासिल कर बस्तर का मान बढ़ाया है। वे बस्तर की लोक भाषा एवं बोली गोंडी पर व्याकरण भी लिख रही हैं। बहुमुखी प्रतिभा की धनी जयमति के अपने जीवन में सैकड़ों महिलाओं को मानव तस्करी के घिनौने दलदल से बाहर निकाला है।

वे आदिवासी महिलाओं की अस्मिता की रक्षा के लिए विगत कई सालों से प्राणप्रण से जुटी हुयी हैं। बस्तर में जहां नक्सलवाद रूपी दैत्य अपने खूनी पंजे पसारकर, यहां के बुनियादी विकास में रोड़ा बना हुआ है, वहां जयमति कश्यप जैसी संघर्षशील, जुझारू महिला अंधेरे में प्रकाश की किरण बिखेर कर महिलाओं को निरंतर जागृत कर रही हैं, जयमति बस्तर में महिला सशक्तीकरण की मिसाल हैं।

जयमति कश्यप के सिर से बचपन में ही मां-बाप का साया उठ गया था। बाल्यकाल में उन्होंने गाय चराते हुए गांव के बच्चों को डे्रस में स्कूल में पढ़ते देखा, तो उनके मन में भी शिक्षा ग्रहण करने की ललक जागृत हुयी, कि काश मैं भी शिक्षा ग्रहण कर पाती और उन्होंने दृढ़ निश्चय से अपने सपने को साकार कर लिया। पहले पहल गुमरगुंडा आश्रम में बाद में कल्याण आश्रम में रहकर प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने अपनी काबिलियत और साहस के बल पर न केवल स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की, बल्कि इतिहास, हिंदी, राजनीति, समाज शास्त्र, ग्रामीण जनजीवन, भूगोल एवं लोक प्रशासन जैसे 08 विषयों पर पीएचडी कर एक सर्वोच्च मुकाम हासिल कर लिया। वर्तमान में कोंडागांव जिले में महिला बाल विकास सुपरवाईजर के पद सेवारत जयमति कश्यप का मानना है कि यदि व्यक्ति लगन एवं निष्ठा से परिश्रम करे तो जीवन में कभी असफल नहीं होगा।

जयमति कश्यप कहती हैं कि अब तो मैंने किताबों को ही अपना जीवन साथी बना लिया है और अपनी विलुप्त हो रही बोली-भाषा गोंडी के संरक्षण-संवद्र्धन के लिए सतत् कार्य कर रही हूं। जब तक सांस है तब तक आदिवासी समाज की सभ्यता व संस्कृति को बचाने का पुरजोर प्रयास करती रहूंगी। उन्होंने कहा कि बस्तर के आदिवासी समाज की व्यवस्थाएं परगनाओं पर संचालित होती है, इसीलिए मैंने बस्तर के परगनाओं पर गहन शोध किया है, जिसमें आदिवासी समाज की जीवन शैली के अतिरिक्त लोकनृत्यों एवं लोक गीतों की विस्तृत मीमांसा है। उन्होंने बताया कि मुझे कई दफा नक्सलियों ने बुलाया और नक्सलवाद अपनाने का दबाव डाला, किंतु मैंने उनके आदेश को ठुकरा दिया. उनका मानना है कि बस्तर में अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए नक्सलियों ने आदिवासी जनजीवन में अनावश्यक दखलंदाजी, विघ्र बाधाएं डालकर उनके समग्र विकास और कल्याण की राह में रोड़ा खड़ा कर दिया है।

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर के सांस्कतिक कार्यक्रम में कुलपति,पंडित रविशंकर शुक्ल विश्विद्यालय ने भी की शिरकत

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर के सांस्कतिक कार्यक्रम में कुलपति,पंडित रविशंकर शुक्ल विश्विद्यालय ने भी की शिरकत

रायपुर,शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर के सांस्कतिक कार्यक्रम के दौरान पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के एल वर्मा के आकस्मिक आगमन से महाविद्यालय परिवार अत्यंत अल्हादित हुआ उन्होंने अपने आशीर्वचन में छात्राओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की सलाह दी एवं महाविद्यालय एवं देश का नाम रोशन करने का आशीर्वचन दिया । आज के सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत एकल गायन, एकल नृत्य, फैंसी ड्रेस, बेस्ट ऑफ वेस्ट, कार्ड बनाओ आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । इन प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया। इन प्रतियोगिताओं के परिणाम निम्न अनुसार रहे। बेस्ट ऑफ वेस्ट प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर कुमारी वंदना सिंह, द्वितीय स्थान पर कुमारी फायेका खान, तृतीय स्थान पर रोशनी वर्मा एवं मंजू साहू रही।  कार्ड बनाओ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कुमारी मोनिका वर्मा, एवं रेहाना परवीन, द्वितीय स्थान नौशीन कुरैशी, वंदना सिंह तथा तृतीय स्थान पर कुमारी खुशबू यादव और पूनम यादव रही। एकल गायन में प्रथम स्थान भाग्यश्री पिथलिया , द्वितीय स्थान पर नेहा फिलिप, तृतीय स्थान पर फ़ायका खान रही। सुपा सजावट के परिणाम इस तरह रहे। समता तालरेजा प्रथम स्थान , द्वितीय स्थान पर प्रतिभा भोई, तृतीय स्थान पर मोनिका वर्मा रही। परा सजावट में मोनिका वर्मा प्रथम, नेहा साहू ,अनीता यादव द्वितीय ,शगुफ्ता नूरी खान तृतीय स्थान पर रही। फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान रोशनी साहू काली माता के रूप में, द्वितीय स्थान पर बिपाशा दास भारत माता, फिजा खातून सरदार के रूप में रहे तृतीय स्थान पर वंदना पटेल देवसेना , अनीता साहू झांसी की रानी रहीं। एकल नृत्य कार्यक्रम का संचालन डॉ संध्या वर्मा ने बड़े ही रोचक अंदाज में किया। इसमें प्रथम स्थान पर  कोपल झा, भारती साहू, द्वितीय स्थान पर कृतिका बारी, फिजा खातून  तृतीय स्थान पर वंदना पटेल रही। आज का कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एके जायसवाल के निर्देशन में संपन्न हुआ। सांस्कृतिक प्रभारी डॉ सुषमा तिवारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉक्टर संध्या वर्मा डॉ उषा किरण अग्रवाल, डॉ शीला दुबे, डॉ कविता शर्मा, डॉ मीना पाठक, डॉ मनीषा गर्ग, डॉ प्रभा वर्मा, कल्पना झा, डॉ प्रीती पांडेय, डॉ रवि शर्मा, डॉ चित्रा देशपांडे, डॉ माधुरी श्रीवास्तव, डॉ मिनी गुप्ता डॉ सिरील डेनियल उपस्थित रहे।

अदिति एजुकेशनल एकेडमी कोटा का वार्षिक उत्सव संपन्न बच्चो के डांस ने शमा बाँधा

अदिति एजुकेशनल एकेडमी कोटा का वार्षिक उत्सव संपन्न बच्चो के डांस ने शमा बाँधा

स्कूल कालेज में वार्षिक उत्सव का दौर जारी हैं, और इसी के अंतर्गत अदिति एजुकेशनल एकेडमी कोटा, रायपुर में वार्षिक उत्सव का आयोजन किया गया।  जिसमें बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।  पढ़ाई के साथ साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने से बच्चों के व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास होता है।  जिसमें बच्चों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।  प्रतिभागी बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में अपने हुनर के द्वारा सतरंगी छटा बिखेरी।  डांस और फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में उत्साह से भागेदारी की ।

       उत्सव में श्री दीपांकर भौमिक (एस.सी.ई.आर.टी.) रायपुर, श्री विकास उपाध्याय, विधायक रायपुर पश्चिम एवं श्री संजय पूरी गोस्वामी ( बी.ई.ओ., धरसीवा ब्लाक ) बतौर अतिथि उपस्थित रहे।  कार्यक्रम के पूर्व तिलक लगाकर, शाल, तथा पर्यावरण को ध्यान मे रखते हुए पुष्प गुच्छ प्रदान कर अतिथियों का स्वागत किया गया। इसके पश्चात् अतिथि गणों ने मा सरस्वती-पूजा तथा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । कार्यक्रम के शुभारंभ पर झलक और ग्रुप ने गीत ’’जय देव जय देव‘‘ का आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया।  उत्सव के दौरान बच्चों ने फैंसी ड्रेस में विभिन्न प्रस्तुति दी।  जिसमें बच्चों ने मोर, सिंह बनकर हमे भारत के राष्ट्रीय पक्षी एवं पशु से पहचान कराई । बच्चों ने हाथी, शेर, चूहा, जिराफ, मुर्गा, बंदर, खरगोश बनकर लोगो को हमारे वन्य प्राणीयो से परिचित कराया तथा लोगो को खूब हॅंसाया ।

       उत्सव के दौरान नर्सरी ब के सौम्या एवं ग्रुप ने ‘‘गोलमाल‘‘ नर्सरी अ के आवनी, घृतकुमार एवं ग्रुप ने ‘‘गल्ती से मिस्टेक‘‘, पी.पी. वन अ के हेंमत एवं समुह ने ‘‘जंगल जंगल‘‘ गाने से हमे हमारे जानवरो से परिचित कराया, पी.पी. टू अ के लक्ष्य एवं ग्रुप ने ‘‘ यूनिटि आॅफ डयावरसिटि‘‘ पर हम सबको साथ रहने की शिक्षा प्रदान की, कक्षा पहली के हर्ष एवं समुह ने ‘‘जय जय शिव शंकर‘‘ गाने से सभी दर्शको का मन मोह लिया ।

पी.पी. वन ब के जया एवं समुह ने ‘‘मम्मी पापा‘‘ गाने पर परिवारिक एकता को समझाया जिसे सभी दर्शक गण अपने अपने  परिवार के पुरानी यादों को ताजा कर लिया । पी.पी. टू ब के जिज्ञासा एवं समूह ने ‘‘स्वच्छता अभियान‘‘ पर आर्कषण नृत्य प्रस्तुत कर हमें स्वच्छता के बारे में बताया । कक्षा पहली के पावनी एवं खनके के ग्रुप ने छत्तीसगढ़ी गाने ‘‘खन-खन बैला‘‘ के गाने पर नृत्य करे दर्शको को छत्तीसगढ़ के परिदृश्य को प्रस्तुत किया ।

पी.पी. वन के दिव्यांशी एवं जया ने नृत्य के माध्यम से हम सबको हरे भरे सब्जीयों के बारे में बताया कि उनको खाने से हमारे शरीर को क्या क्या फायदे है व जंक फूड न खाने की समझाईश दी । कक्षा दूसरी के दामिनी एवं ग्रुप ने हमें सुबह जल्दी उठने फायदे एवं शाला व महाविद्यालय के जीवन के बारे में बताया ।

कक्षा पहली के भाव्या एवं काव्या ने हमे दूध पीने के फायदे के बारे में एक नृत्य नाटिका के माध्यम से बताया । अंतिम कार्यक्रम के रूप में कक्षा चैथी के बच्चों में नेहा एवं समुह ने भांगडा गीत ‘‘डोल बजता‘‘ के माध्यम से सभी दर्शको से नृत्य कराया ।

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेन्द्र नगर में वार्षिकोत्सव कार्यक्रम हुआ आयोजन

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेन्द्र नगर में वार्षिकोत्सव कार्यक्रम हुआ आयोजन

रायपुर | आज शासकीय कलाएवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेन्द्र नगर रायपुर में वार्षिकोत्सव स्तुति का शुभारंभ प्राचार्य डॉक्टर जायसवाल द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई ।चार दिवसीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता के प्रथम दिन की शुरुआत व्यंजन बनाऊँ रंगोली एवं ब्राइडल शो से हुई।सांस्कृतिकप्रभारी डॉक्टर सुषमा तिवारी ने छात्राओं को मोटिवेट करने के लिए सक्सेस मंत्र के साथ कार्यक्रम का आगाज़ किया जिसमें उन्होंने प्रथम दिन का मंत्र दिया पृथ्वी को सुंदरतम बनाने का दायित्व। डॉ संध्या वर्मा  एवं वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉक्टर उषा किरण अग्रवाल ने सभी छात्राओं को प्रतियोगिता में भागीदार बनने शुभकामनाएँ प्रदान की।दुल्हन सजावट प्रतियोगिता में कई प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें विभिन्न प्रांतों की दुल्हन तैयार होकर आए विभिन्न प्रान्तों का प्रतिनिधित्व करते हुए अत्यंतरोचक  ढंग से प्रस्तुतिकरण किया जिसमें उनकी

 

वेश भूषा आभूषण प्रांतों अनुरूप रहे ।उक्त प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप  में डॉ उषा किरण  अग्रवाल डॉक्टर संध्या वर्मा एवं डॉक्टर शीला दुबे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका की ।प्रतियोगिता के संयोजक डॉक्टर लक्ष्मी देवननी एवं डॉक्टर रंजना पूजा यादव थी उक्त प्रतियोगिता सफल संचालन में डॉक्टर सिरिल डेनियल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रहीइस प्रतियोगिता की छात्राएँ में प्रथम शगूफ़ता द्वितीय स्थान पर नैन्सी शर्मा एवं तृतीय दीपालीनिर्मलकर रही है
 
 
शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में अंतर पीढ़ी संघर्ष पर व्याख्यान

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में अंतर पीढ़ी संघर्ष पर व्याख्यान

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में आइक्यूएसी के द्वारा आयोजित संगोष्ठी की श्रृंखला में समाजशास्त्र विभाग से डॉचंद्रकांता पांडे द्वारा अंतर पीढ़ी संघर्ष पर व्याख्यान दिया गया। पुरानी एवं नवीन पीढ़ी में काफी अंतर है नवीन एवं पुरानी पीढ़ी में सामाजिक मूल्यों विश्वास व्यवहार प्रतिमान में काफी अंतर पाया जाता है वर्तमान समय की सामाजिक संरचना , संचार माध्यम, नवीन सभ्यता, व्यवसाय की स्थिति , घर से बाहर रहने के कारण पारिवारिक नियंत्रण की कमी, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, प्रतिस्पर्धा, नैतिकता की कमी, नशीले पदार्थ का सेवन, आधुनिक भौतिक सुख सुविधाएं औद्योगिकरण ,नगरीकरण, आदि से अंतर पीढ़ी संघर्ष को प्रोत्साहन मिलता है।

इन सब के फल स्वरूप एकल पारिवारिक संरचना में बुजुर्ग सदस्यों का अभाव रहता है , नई पीढ़ी में व्यवहारों का नियंत्रण नहीं हो पाता,। अंतर जाति विवाह भी इसका परिणाम है। इन सबके कारण दोनों पीढ़ी में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। एक ही परिवार में माता पुत्री पिता पुत्र की सोच, जीवन शैली ,में अंतर भी अंतर पीढ़ी संघर्ष का एक उदाहरण है, पुरानी पीढ़ी थोड़ी परंपरागत है जबकि वर्तमान पीढ़ी शिक्षित होने के बाद आधुनिक रहन-सहन व्यवहार तथा स्वतंत्रता की अभ्यस्त हो गई है जिसमें देर रात तक जागना मोबाइल इंटरनेट चलाना फास्ट फूड खाना या उनकी जीवन शैली है। इसका समाधान यह है कि दोनों पक्षों को विवेक युक्त कदम उठाना चाहिए बुजुर्गों को सम्मान देना ,संतोष रखना नई पीढ़ी का कर्तव्य है।, अपनी अनुभव एवं योग्यता के आधार पर पुरानी पीढ़ी ,नई पीढ़ी को जीवन यात्रा का सही मार्ग दिखाएं, मातृ देवो भव , पितृ देवो भव, आचार्य देवो भव  का संदेश इसी अर्थ में दिया जाए नई पीढ़ी का सामाजिकरण इस प्रकार किया जाए की सामाजिक मूल्यों के प्रति आस्था दोनों पीढ़ी में संघर्ष के स्थान पर सहयोग आए ।पुरानी पीढ़ी भी नई पीढ़ी के साथ उनके सही व वैज्ञानिक सोच को सम्मान दे जिससे अंतर पीढ़ी संघर्ष कम होगा। इस कार्यक्रम में आइक्यूएसी प्रमुख डॉ कविता शर्मा मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ उषा किरण अग्रवाल ,डॉसंध्या वर्मा डॉ मीना पाठक , डॉ आशा दुबे,डॉ सुषमा तिवारी, डॉ शीला दुबे, डॉ माधुरी श्रीवास्तव सहित अनेक प्राध्यापक छात्राएं उपस्थित थी। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एके जायसवाल के निर्देशन में किया गया।

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर रायपुर में रक्तदान और स्वास्थ परिक्षण शिविर का हुआ आयोजन

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर रायपुर में रक्तदान और स्वास्थ परिक्षण शिविर का हुआ आयोजन

रायपुर,शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर रायपुर में श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल एवं बिलासा ब्लड बैंक, रावतपुरा लोक कल्याण ट्रस्ट की ओर से रक्तदान शिविर एवं निशुल्क नेत्र परीक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें 200 छात्राओं का नेत्र परीक्षण एवं 170 छात्राओं का रक्त परीक्षण किया गया। 25 छात्राओं ने रक्तदान किया पॉजिटिव हेल्थ जोन की ओर से प्राध्यापकों एवं छात्राओं का श्री रजनी कांत शर्मा द्वारा मानसिक तनाव परीक्षण किया गया।

बिलासा ब्लड बैंक की ओर से सीमा खंडेलवाल, असीम कुमार, मधुसूदन शर्मा, एवं साथियों द्वारा परीक्षण किया गया। श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल से दीपक, सोनू खान, राधिका साहू, लक्ष्मी निषाद एवं उनके टीम में कार्य किया। छात्राओं को नेत्र परीक्षण के पश्चात जिन्हें चश्मा लगा है या लगेगा उसे निरंतर रखने एवं मोबाइल के ब्राइटनेस कम रखने की सलाह दी गई। छात्राओं के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु महाविद्यालय परिवार पूरी टीम का आभारी रहेगा। उक्त कार्यक्रम में मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ उषा किरण अग्रवाल, डॉ मनीषा गर्ग, डॉ कल्पना झा एवं महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक एवं बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थी। यह आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत आयोजित किया गया।महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एके जायसवाल के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यू.एस.ए. और छत्तीसगढ़ के मध्य एक्सचेंज प्रोग्राम चलाया जाए: सुश्री उइके

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यू.एस.ए. और छत्तीसगढ़ के मध्य एक्सचेंज प्रोग्राम चलाया जाए: सुश्री उइके

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज यहां राजभवन में अमेरिका के काउंसलेट जनरल श्री डेविड रेंज ने सौजन्य मुलाकात की। उनके मध्य उच्च शिक्षा, पर्यावरण एवं नक्सल मामलों सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। राज्यपाल ने उनका छत्तीसगढ़ आगमन पर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अनेक संभावनाएं हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश के विश्वविद्यालय और यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के मध्य एक्सचेंज प्रोग्राम चलाया जाना चाहिए, जिससे छत्तीसगढ़ और यू.एस.ए. के विद्यार्थियों को एक दूसरे की संस्कृति और परम्पराओं का ज्ञान होगा और उसके साथ ही प्रदेश के विशेषकर आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों को नए अवसर प्राप्त होंगे। इस मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने यू.एस.ए. में फुल ब्राइट स्कॉलर भेजने, आदिवासी विद्यार्थियों को शोध और उच्च शिक्षा में फेलोशिप के लिए यू.एस.ए. के शैक्षणिक संस्थानों में भेजने और जलवायु परिवर्तन एवं कुपोषण से लड़ाई जैसे विषयों पर सहयोगिता बढ़ाने पर जोर दिया।


राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वच्छ पर्यावरण और वायु की गुणवत्ता में सुधार के क्षेत्र में भी कार्य करने की आवश्यकता है। इसके लिए यू.एस.ए. के विशेषज्ञों से प्रदेश को मदद मिल सकती है। उन्होंने गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी की जानकारी दी और उक्त बीमारी के कारणों की जांच के लिए यू.एस.ए. से चिकित्सकीय विशेषज्ञ भेजने का आग्रह किया। इस पर काउंसलेट जनरल ने आवश्यक मदद का आश्वासन दिया। 

राज्यपाल ने नक्सल मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि यह अंतर्राज्यीय समस्या है, जिसका समाधान केन्द्र और राज्य सरकार के समन्वय से किया जा सकता है। केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने इसके समाधान के लिए कार्ययोजना बनाई है। सुश्री उइके ने कहा कि आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमण्डल से चर्चा के दौरान यह सुझाव सामने आया था कि संबंधित क्षेत्रों में सड़क, बिजली और शिक्षा संबंधी क्षेत्रों में विकास होना चाहिए। उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए युवाओं को रोजगार से जोड़ना आवश्यक है। साथ ही नक्सल समस्या के समाधान में चर्चा के लिए स्थानीय नेतृत्व की सहभागिता भी होनी चाहिए। सुश्री उइके ने कहा कि जो सामान्य मामलों में और जो निर्दोष आदिवासी जेलों में बंद हैं, उन्हें रिहा करने के लिए राज्य सरकार से चर्चा हुई है और इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास के लिए और नक्सल प्रभावितों के राहत के लिए आवास प्रदान करने सहित कार्ययोजना भी बनाई गई है। श्री रेंज ने कहा कि छत्तीसगढ़ नैसर्गिक संसाधनों से भरपूर प्रदेश है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य किए जा सकते हैं। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री सोनमणि बोरा और श्री डेविड रेंज के बीच भी मुलाकात हुई। इस दौरान द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई। श्री बोरा बताया कि वे गत वर्ष वे न्यूयार्क यू.एस.ए. के मैक्सवेल स्कूल में पब्लिक पॉलिसी एवं पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में अध्ययन करके लौटे हैं। श्री रेंज ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि उनकी सुपुत्री भी इसी संस्था में अध्ययनरत है। उन्होंने श्री बोरा को उच्च शिक्षा सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए आमंत्रित भी किया। इस अवसर पर इकोनॉमिक एवं पालिटिक अफेयर के काउंसलर श्री क्रिस्टोफर ग्रासमेन, राजनीतिक मामलो के विशेषज्ञ सुश्री आयशा खान एवं सांस्कृतिक मामलो के विशेषज्ञ श्री कश्यप पण्डया भी उपस्थित थे। 

एन आई टी में आयोजित डेटा साइंस विषय पर फैकल्टी डेवलपमेंट का कार्यक्रम हुआ

एन आई टी में आयोजित डेटा साइंस विषय पर फैकल्टी डेवलपमेंट का कार्यक्रम हुआ

 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर में संस्थान के कंप्यूटर विज्ञान विभाग द्वारा सोमवार को डेटा विज्ञान विषय पर पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का शुभांरभ किया गया। यह आयोजन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (ए. आई. टी. सी. ई) के अटल अकादमी द्वारा प्रायोजित किया गया।
डेटा विज्ञान और उसके अनुप्रयोगों पर आधारित इस एफ.डी.पी का लक्ष्य डेटा साइंस जैसे अंतःविषय क्षेत्र के मूल सिद्धांतों एवं इसके विभिन्न पहलुओं और अनुप्रयोगों पर सैद्धांतिक ज्ञान के साथ ही इनका प्रशिक्षण प्रदान करना रहा। इसका मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को डेटा साइंस के उभरते हुए क्षेत्र से परिचित कराना तथा विशाल मात्रा में दिए गए विषम डेटा से मूल्यवान निचोड़ निकालने की प्रक्रिया से जुड़ी बारीकियों से अवगत कराना है।
कार्यक्रम का शुभांरभ दीप प्रज्ज्वलन और अतिथियों को पौधे भेंट कर किया गया। तत्पश्चात डेटा विज्ञान की प्रस्तावना रखी गई। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में आईआईटी भिलाई के डॉ सुभाजित सिद्धांत द्वारा व्याख्यान दिया गया। इस कार्यक्रम के तहत फैकल्टी मेंबर्स और रिसर्च विद्वानों को डेटा प्री प्रोसेसिंग, पाइथॉन, डेटा एनालिसिस, मशीन लरनिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में हैंड्स ऑन सेशन का आयोजन किया गया।
यह आयोजन विशेष रूप से फैकल्टी सदस्यों और अनुसंधान विद्वानों के लिए आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न संस्थानों से आए प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस आयोजन का सुचारू समन्वय डॉ दिलीप सिंह सिसोदिया और डॉ प्रदीप सिंह ने किया।
इस मौके पर डॉ.प्रभात दीवान, डीन (छात्र कल्याण) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

नई औद्योगिक नीति ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘ की मूल भावना पर आधारित

नई औद्योगिक नीति ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘ की मूल भावना पर आधारित

मुख्यमंत्री ने रेडियो वार्ता में कहा कि राज्य सरकार की नई औाद्योगिक नीति गढ़बो नवा छत्तीसगढ़की मूल भावना पर आधारित है। इस नीति के माध्यम से आदिवासी अंचलों के विकास में तेजी आएगी और रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। उद्योग नीति में पिछड़े क्षेत्रों या विकासखंडों को सबसे अधिक रियायत और संसाधन देने का फैसला किया गया है। नए उद्योगों में स्थानीय लोगों को अनिवार्य रूप से रोजगार देने का प्राधान है। अकुशल श्रेणी में 100 प्रतिशत, कुशल श्रेणी में कम से कम 70 प्रतिशत और प्रशासकीय और प्रबंधकीय श्रेणी में कम से कम 40 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को मिलेगा। खेती, उद्यानिकी, हस्तशिल्प आदि को उच्च प्राथमिकता दी गई है। खाद्य और वनोपज प्रसंस्करण की अधिक से अधिक इकाईयां लगे इस पर हमारा जोर होगा। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 2024 तक अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के कम से कम 300 उद्यमी उद्योग लगाएं। मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में 3500 से अधिक नये उद्योग लगाने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने रेडियो वार्ता में पूछे गए प्रश्न के जावाब में कहा कि नगरनार प्लांट का संचालन एन.एम.डी.सी. के माध्यम से हो इससे राज्य सरकार सिद्धांतः सहमत है। श्री बघेल ने कहा कि हमारे महान नेता पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पंचवर्षीय योजनाओं और अनेक सार्वजनिक उपक्रमों की सौगात दी, जिनमें भिलाई स्टील प्लांट भी है। एन.एम.डी.सी., एन.टी.पी.सी. और एस.ई.सी.एल. जैसे अनेक उपक्रमों का स्थानीय जनता, स्थानीय विकास प्रदेश और देश के विकास में अद्भुत योगदान रहा है।      

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा वनोपजों के कारोबार से जुडे़ंगी 50 हजार महिलाएं

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा वनोपजों के कारोबार से जुडे़ंगी 50 हजार महिलाएं

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में इसके साथ ही हमने लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर खरीदी का दायरा भी बढ़ा दिया है। पहले सिर्फ 7 वनोपजों की खरीदी करते थे, जबकि अब हमारी सरकार द्वारा 15 वनोपजों की खरीदी की जा रही है। इसके अलावा 3 लघु वनोपजों, रंगीनी लाख पर 20 रूपए किलो, कुल्लू गोंद पर 20 रूपए किलो तथा कुसमी लाख पर 22 रूपए किलो अतिरिक्त बोनस देने का इंतजाम भी किया गया है। यह जानकार आश्चर्य होगा कि प्रदेश में वनोपज का कारोबार लगभग 18 सौ करोड़ रूपए का होता है, जिसमें हमारे आदिवासी समाज को समुचित भागीदारी नहीं मिली थी। अब हमारी सरकार ने ऐसे नये रास्ते तलाशे हैं, जिससे आप सभी लोगों की आय बढ़ सकेगी। हम आदिवासी समाज में मातृ-शक्ति को और सशक्त बनाना चाहते हैं, इस दिशा में एक नया कदम उठाते हुए यह निर्णय लिया है कि वनोपजों के कारोबार से महिला समूहों की 50 हजार से अधिक सदस्याओं को जोड़ा जाएगा। परंपरागत वैद्यकीय ज्ञान भी छत्तीसगढ़ के वनांचलों की विशेषता है। इस कौशल को लम्बे अरसे में न तो मान्यता मिली और न सुविधा, जबकि जड़ी-बूटियों के औषधीय गुणों को लेकर कोई संदेह नही है। हमने परंपरागत वैद्यों के कौशल और ज्ञान को सहेजने तथा इसे उपयोग में लाने के लिए 1200 परंपरागत वैद्यों का एक सम्मेलन आयोजित किया। अब इस दिशा में कार्य आगे बढ़ाया जा रहा है।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा  नेशनल वर्कशॉप का आयोजन कल से होने जा रहा है

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा नेशनल वर्कशॉप का आयोजन कल से होने जा रहा है

रायपुर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा  पावर इलेक्ट्रॉनिक्स कन्वर्टर और रियल टाइम कंट्रोल में नेशनल वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है | यह  5 दिवसीय कार्यशाला  9 से 13 दिसंबर 2019  तक आयोजित की जाएगी | यह कार्यशाला  डॉ ललित कुमार साहू और डॉ सुभोजित घोष के मार्ग दर्शन में आयोजित की जा रही है | कार्यशाला का प्रस्ताव हाल के अनुसंधान रुझानों, और बिजली इलेक्ट्रॉनिक्स कन्वर्टर्स, इसके वास्तविक समय डिजिटल नियंत्रण और अनुप्रयोगों के क्षेत्र में सुधार के लिए एक संपूर्ण प्रदर्शन देने का प्रस्ताव है। इस कार्यक्रम की विशिष्ट विशेषताओं में विभिन्न आईआईटी, क्षेत्र और इसकी तकनीकी प्रगति, हाथ से प्रशिक्षण और प्रयोगशाला सत्र पर विभिन्न आईआईटी, एनआईटी और उद्योग के प्रतिष्ठित वक्ता शामिल हैं। सिमुलेशन और हार्डवेयर पर दैनिक आकर्षक सत्र आयोजित किए जाएंगे जो प्रतिभागियों के अनुसंधान क्षितिज को व्यापक बनाने में सक्षम होंगे। इंटरएक्टिव लेक्चर सेशन, फलदायी टास्क असाइनमेंट, डिजाइन किए गए ई-साइकिल, पीवी प्लांट विजिट, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड डिजाइनिंग पर गिफ्ट राइड प्राप्त करने वाले विजेताओं के साथ प्रश्नावली राउंड वर्कशॉप का मुख्य आकर्षण हैं। यह कार्यक्रम संकाय, अनुसंधान विद्वानों, छात्रों और उद्योग के व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होगा, जो विकास के साथ-साथ वास्तविक समय पर नियंत्रण और कार्यान्वयन के साथ बिजली इलेक्ट्रॉनिक्स कन्वर्टर्स के क्षेत्र में अनुसंधान/अभ्यास शुरू करने का इरादा रखते हैं।

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में वाणिज्य संकाय द्वारा प्रबंध विषय पर हुआ व्याख्यान

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में वाणिज्य संकाय द्वारा प्रबंध विषय पर हुआ व्याख्यान

रायपुर,आज शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर की आइक्यूएसी के द्वारा साप्ताहिक व्याख्यानमाला के अंतर्गत वाणिज्य विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर माधुरी श्रीवास्तव ने प्रबंध विषय पर पर अपना व्याख्यान दिया। इस व्याख्यान में उन्होंने प्रबंध की व्यवसायिकएवं व्यवहारिक दृष्टिकोण की चर्चा की। उन्होंने बताया किसी भी उद्देश्य को  प्राप्त करने के लिए प्रबंध आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अच्छी योजनाएं ही प्रबंध का आधार है। प्रबंध से कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है। वेद, धर्म ,परिवार, व्यावसायिक संस्थान, शैक्षणिक संस्थान राजनीति, खेल,प्रत्येक क्षेत्र में प्रबंध पाया जाता है। प्रबंध के जनक टेलर तथा हेनरी फयोल की भी चर्चा की और बताया कि प्रबंध का वैज्ञानिक आधार है बिना वैज्ञानिक विश्लेषण तथा उचित प्रयोग के प्रबंध संभव नहीं है प्रबंध में अर्थव्यवस्था कार्य क्षमता सहयोग प्रशिक्षण अनुभव सभी आवश्यक है।

 

प्रबंध में मुख्य तौर पर कर्तव्य ,अधिकार तथा दायित्व की चर्चा की। भारतीय इतिहास में प्रबंध के महत्वपूर्ण आधार स्तंभ चाणक्य का भी उदाहरण दिया। प्रबंध के व्यावहारिक पक्ष की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि आहार विचार तथा व्यवहार तीनों अच्छा रखना आवश्यक है। अच्छे व्यवहार के लिए विचार पूर्वक बोले कम बोलें सुनने की आदत डालें क्षमा करना सीखें। संतुलित आहार लें जिससे आपकी शारीरिकक्षमता की वृद्धि होगी तथा कार्य क्षमता भी बढ़ेगी। इसी प्रकार अच्छे प्रबंध के लिए अच्छा मन भी आवश्यक है अच्छी व  धनात्मक विचारधारा भी प्रबंध क्षमता को बढ़ाती है, हमेशा अपने लिए अच्छा सोचें ,दूसरा हार जाए यह न सोचें कुछ ऐसा करें कि दूसरों की मुस्कुराने की वजह बने। सोच समझकर काम करें काम को टाले नहीं ,आलस न करें। इससे भी आपकी प्रबंधक क्षमता में वृद्धि होगी। इस व्याख्यान में IQ AC प्रमुख डॉ कविता शर्मा, मनोविज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ उषा किरण अग्रवाल, डॉ संध्या वर्मा डॉ मिनी गुप्ता डॉ शीला दुबे डॉ कल्पना झा, डॉ मीना पाठक, डॉ रंजना तिवारी डॉ सुषमा तिवारी तथा अनेक वरिष्ठ प्राध्यापक एवं छात्राएं उपस्थित थी। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एके जायसवाल के निर्देशन में किया गया।

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में वाणिज्य विभाग के द्वारा बेस्ट रीडर चयन एवं साप्ताहिक संगोष्ठी के अंतर्गत हुए कार्यक्रम

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में वाणिज्य विभाग के द्वारा बेस्ट रीडर चयन एवं साप्ताहिक संगोष्ठी के अंतर्गत हुए कार्यक्रम

रायपुर,शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में ग्रन्थालय में वाणिज्य विभाग के द्वारा  बेस्ट रीडर चयन एवं साप्ताहिक संगोष्ठी के अंतर्गत छात्राओं ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। यह समिति के सदस्य मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ उषा किरण अग्रवाल, डॉ नरेश पुरी, डॉ शैल बाला जैस, डॉ आशा दुबे , वाणिज्य विभाग से डॉ मिनी गुप्ता डॉ विनीता शर्मा आदि उपस्थित थे। यह कार्य महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एके जायसवाल के निर्देशन में किया गया।

अंकेक्षण पर अपने विचार व्यक्त करते हुए वाणिज्य विभाग  की छात्रा समता तलरेजा ने बताया कि अंकेक्षण एक बहुत ही महतवपूर्ण कार्य है।किसी भी संस्थान में यह एक बहुत ही उत्तरदायित्व पूर्ण कार्य होता है। अंकेक्षण की अनिवार्यता का प्रश्न व्यवसाय एवं औद्योगिक संस्थाओं में बड़े पैमाने पर होने वाले विकास से जुड़ा है। व्यवसायिक संस्थाओं पर लगे आयकर विक्रय कर मृत्यु कर आदि के विवाद के निपटारे के लिए खातों का अंकेशन अति आवश्यक है। वर्तमान में अंकेक्षक के मानकों की आवश्यकता पर बहुत बल दिया गया है। द्वितीय वक्ता हर्षिता ने बताया कि भारत एक बहुत ही विकासशील अर्थव्यवस्था है जिसमें कृषि गत वस्तुओं के संबंध में पूर्ण प्रतियोगिता की स्थिति देखने को मिलती है। सीमेंट, कागज उद्योग, मशीन मोटर कार इत्यादि में कुछ उत्पादकों का प्रभाव होने से भारतीय उद्योगों को अल्पाधिकार प्रतियोगिता की दिशा में माना गया है। खरीद एवं बिक्री के कार्य को तेज करने के लिए लेनदेन की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ई-कॉमर्स एक आवश्यक कदम है। ई-कॉमर्स ने भौगोलिक सीमाओं को तोड़कर विश्व के सभी ग्राहकों को एक साथ इकट्ठा कर दिया है। भारत की औद्योगिक इकाइयां एवं व्यापारिक घराने ई-कॉमर्स को निरंतर अपनाने की दिशा में अग्रसर हैं। समिति के सदस्यों के द्वारा बेस्ट रीडर के लिए समता तालरेजा का चयन किया गया।ग्रन्थालय में वाणिज्य विभाग के द्वारा  बेस्ट रीडर चयन एवं साप्ताहिक संगोष्ठी के अंतर्गत छात्राओं ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। यह समिति के सदस्य मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ उषा किरण अग्रवाल, डॉ नरेश पुरी, डॉ शैल बाला जैस, डॉ आशा दुबे , वाणिज्य विभाग से डॉ मिनी गुप्ता डॉ विनीता शर्मा आदि उपस्थित थे। यह कार्य महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एके जायसवाल के निर्देशन में किया गया।अंकेषण पर अपने विचार व्यक्त करते हुए वाणिज्य विभाग  की छात्रा समता तलरेजा ने बताया कि अंकेषणं एक बहुत ही महतवपूर्ण कार्य है।किसी भी संस्थान में यह एक बहुत ही उत्तरदायित्व पूर्ण कार्य होता है। अंकेशन की अनिवार्यता का प्रश्न व्यवसाय एवं औद्योगिक संस्थाओं में बड़े पैमाने पर होने वाले विकास से जुड़ा है। व्यवसायिक संस्थाओं पर लगे आयकर विक्रय कर मृत्यु कर आदि के विवाद के निपटारे के लिए खातों का अंकेशन अति आवश्यक है। वर्तमान में अंकेक्षक के मानकों की आवश्यकता पर बहुत बल दिया गया है। द्वितीय वक्ता हर्षिता ने बताया कि भारत एक बहुत ही विकासशील अर्थव्यवस्था है जिसमें कृषि गत वस्तुओं के संबंध में पूर्ण प्रतियोगिता की स्थिति देखने को मिलती है। सीमेंट, कागज उद्योग, मशीन मोटर कार इत्यादि में कुछ उत्पादकों का प्रभाव होने से भारतीय उद्योगों को अल्पाधिकार प्रतियोगिता की दिशा में माना गया है। खरीद एवं बिक्री के कार्य को तेज करने के लिए लेनदेन की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ई-कॉमर्स एक आवश्यक कदम है। ई-कॉमर्स ने भौगोलिक सीमाओं को तोड़कर विश्व के सभी ग्राहकों को एक साथ इकट्ठा कर दिया है। भारत की औद्योगिक इकाइयां एवं व्यापारिक घराने ई-कॉमर्स को निरंतर अपनाने की दिशा में अग्रसर हैं। समिति के सदस्यों के द्वारा बेस्ट रीडर के लिए समता तालरेजा का चयन किया गया।